नहीं, SBI ने अडानी ग्रुप के ₹12,770 करोड़ का कर्ज माफ नहीं किया

0
1615

26 अक्टूबर 2022 को यूथ कांग्रेस की सचिव रोशनी कुशल जायसवाल ने एक ट्वीट कर दावा किया कि SBI ने अडानी के मुंबई हवाई अड्डे के 12,770 करोड रूपये का ऋण माफ कर दिया है।

Fact Check

आइए पहले जान लेते हैं कि ऋण वेव ऑफ (लोन माफ/छूट) और ऋण अंडरराइट (हामीदारी) में क्या अतंर है –

वेव ऑफ: वेव ऑफ करने के बाद, ऋण लेने वाले व्यक्ति को बकाया ऋण चुकाने की कोई आवश्यकता नहीं है। व्यक्ति अब ऋण राशि चुकाने के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसमें ऋण दाता द्वारा ऋण वसूली को पूर्ण रूप से रद्द करना शामिल है। बैंक अब कर्जदार के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करेगा तथा ऋण समाप्त हो गया है।

अंडरराइट: ऋण हमीदारी उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके माध्यम से एक ऋणदाता यह निर्धारित करता है कि क्या आवेदक भरोसेमंद है और उसे ऋण दिया जाना चाहिए। नतीजतन, एक कुशल हमीदारी और ऋण अनुमोदन प्रक्रिया ऋण जारी करने के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड है।

पड़ताल के लिए जब हमने गूगल पर SBI, अडानी, मुंबई हवाई अड्डा, 12,707 करोड रुपए, ऋण माफी जैसे कुछ कीवर्ड्स सर्च किए तो हमें मार्च 2022 की बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार अडानी समूह ने SBI से 12770 करोड रुपए की ऋण प्राप्त किए तथा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना के लिए फंडिंग का पहला चरण पूरा कर लिया है।

अडानी ग्रुप ने वित्त अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 12770 करोड रुपए का पूरा कर्ज SBI ने अंडरराइट किया है।

स्त्रोत – बिजनेस स्टैंडर्ड

SBI ने, अडानी ग्रुप को दिए ऋण को माफ नहीं किया है बल्कि उसे अंडररइट किया है जो यह प्रदर्शित करता है कि SBI ने अडानी ग्रुप को ऋण देने से पहले इसकी साख की जांच की। अंडर राइट करने की यह प्रकिया बैंक पर अनावश्यक जोखिम को कम करने के लिए की जाती है।

कांग्रेस युवा सचिव रोशनी कुशल जायसवाल का दावा झूठा है तथा यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के किसी सदस्य ने झूठा दावा किया हो, पहले भी कई कांग्रेसी नेताओं और उसके समर्थकों ने इसी तरह के भ्रामक दावे किए हैं। ये लोग वेव ऑफ (ऋण माफ) करने, राइट ऑफ (बट्टे खाते में डालना) करने और अंडरराइट (हामीदारी) करने के बीच अंतर नहीं समझते हैं।

दावा SBI ने अदानी ग्रुप का 12770 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया
दावेदार रोशनी कुशल जायसवाल
फैक्ट चैक झूठा

 प्रिय पाठकों, हम भारत के खिलाफ फर्जी खबरों को उजागर करने की जिम्मेदारी निभा रहे है। हमारे पास अन्य लोगों की तरह कोई कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं है। आपका छोटा सा सहयोग हमें और आगे बढ़ने में मदद करेगा।  कृपया सहयोग करें।

जय हिन्द !