मोहम्मद आसिफ का दावा कि उत्तरकाशी में नाबालिक लड़की घर से भाग गई निकला फर्जी, लड़की का हुआ था अपहरण

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भ्रामक
मोहम्मद आसिफ खान द्वारा किया गया ट्वीट भ्रामक है।

हाल ही में देवभूमि यानी उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी तनाव बढ़ गया है। रिपोर्ट्स की माने तो, मुसलमान समुदाय के लोगों की दुकानें एवं व्यवसाय तनाव की चपेट में आ गया है। दर्जनों मुसलमानों को तो पलायन करना पड़ा। इस खबर के आते ही ट्विटर पर कट्टरपंथी मुस्लिमों में भी हलचल मच गई है। इसी कड़ी में मोहम्मद आसिफ खान ने ट्विटर पर लिखा कि, “यह है उत्तराखंड। 42 मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों को दुकान बंद कर शहर छोड़ कर भागना पड़ा क्योंकि एक मुस्लिम लड़के के साथ एक हिंदू नाबालिक लड़की भाग गई।”

अगर हम मोहम्मद आसिफ खान ने ट्वीट का तात्पर्य निकाले तो यह होगा कि एक मुस्लिम लड़के के साथ अपनी मर्जी से नाबालिक लड़की भाग गई है। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। इससे नाराज हिंदू धर्म के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों और व्यवसायी को उत्तरकाशी से भगा दिया है या उनके लिए ऐसा डर का माहौल बनाया जिससे वो रातो- रात अपने घरों और दुकानों पर ताला लगाकर भाग खड़े हुए।

काशिफ अरसलान ने लिखा कि , “उत्तराखंड – अलग अलग समुदाय के प्रेमी जोड़े के घर से भाग जाने पर उत्तराखंड निवासियों ने मुसलमानों दोकानों को तोड़फोड़ कर लूट लिया, हयरानी की बात ये है के जब मुसलमानों के दोकान लुटे जा रहे थे तब मौके से पुलिस प्रसाशन गायब थी।”

मोहम्मद शाहनवाज़ हुसैन ने भी आसिफ खान के शब्दों को दोहराते हुए ट्वीट किया।

Source- Twitter

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सच में नाबालिक हिंदू लड़की अपनी मर्जी से मुस्लिम लड़के के साथ भाग गई? या मुस्लिम युवक ने प्रेम का झांसा देकर नाबालिक लड़की को अपनी जाल में फसाया? क्या है इस प्रकरण की सच्चाई? चलिए देखते है।

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फैक्ट चेक

आपको बता दें कि इस मोहम्मद आसिफ खान के ट्वीट में शब्द “नाबालिक हिंदू लड़की” का इस्तेमाल देख कर हमें शक हुआ कि यह मामला इतना सुलझा हुआ नहीं है। ऐसे में हमने गूगल पर “पुरोला उत्तरकाशी हिंदू मुस्लिम” कीवर्ड टाइप कर सर्च किया। 

सर्च के उपरांत हमें यह जानकारी मिली कि वो हैरान कर देने वाली थी। नवभारत टाईम्स के अनुसार, “पुरोला में नगर पंचायत क्षेत्र की एक नाबालिग छात्रा को भगा कर ले जाने का मामला शांत नहीं हो रहा है। एकजुट हो कर लोगों ने समुदाय विशेष के लोगों को बाजार से दुकानें खाली करने की चेतावनी भी दी है। बता दें कि शुक्रवार को दोपहर के समय उवेद खान पुत्र अहमद और उसका साथी जितेंद्र सैनी नाम के युवक खरसाड़ी क्षेत्र की एक कक्षा नौ की नाबालिग छात्रा को बहला-फुसला कर भगा कर ले जा रहे थे।”

Source- Navbharat Times

रिपोर्ट में आगे लिखा है कि, “ यह छात्रा पढ़ाई करने के लिए पुरोला में अपने मामा के घर पर रहती थी। दोपहर के समय दोनों युवक छात्रा को शादी का झांसा देकर विकासनगर लेकर भागने की फिराक में थे। ये दोनों छात्रा को नौगांव मोटरमार्ग के पेट्रोल पंप के पास से टेम्पों में ले गए। तभी परिजनों और स्थानीय लोगों की नजर इन पर पड़ी और शक हुआ तो इन्हें रोककर पूछताछ की। बात खुलने पर लोगों ने इन दोनों युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं परिजनों ने थाने में जमकर हंगामा किया।”

Source- Navbharat Times

नवभारत टाईम्स की रिपोर्ट आसिफ खान ने दावे को खंडित करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा अपनी मर्जी से नहीं बल्कि उसे झासा देकर भगाया जा रहा था। छात्रा 9वीं कक्षा में पढ़ती है, उसे बहला फुसलाकर उवेद खान और जीतेन्द्र सैनी भगाने का प्रयत्न कर रहे थे। 

हमारी पड़ताल यहीं खत्म नहीं हुई। आजतक की खबर ने अभी आसिफ द्वारा किए गए दावे को गलत साबित किया।

आजतक के रिपोर्ट के अनुसार, “नाबालिग छात्रा को भगाकर ले जाने की साजिश रचने के मामले से उत्तरकाशी जनपद में बवाल मच गया है। जिले के पुरोला बाजार में नाराज स्थानीय दुकानदारों ने समुदाय विशेष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। इस आक्रोश के चलते 42 बाहरी दुकानदार रातो-रात पुरोला शहर को छोड़कर फरार हो गए।”

Source- Aajtak

इस प्रकरण में तफ्तीश को आगे बढ़ाने के लिए हमने पुलिस द्वारा की गई जांच पड़ताल को हमने देखना शुरू किया। ट्विटर पर “Uttarkashi Police Uttarakhand” नामक ऑफिशियल हैंडल से हमें इस मामले में पुलिस कार्यवाही की जानकारी प्राप्त हुआ। 

एसपी श्री अर्पण यदुवंशी वीडियो जारी कर कहते है, ‘ गत 26 मई को थाना पुरोला एक मामला सामने आया था, जिसमें एक लड़की का अपहरण करने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले की तत्काल संज्ञान लेते ही थाना पुरोला में यह मामला धारा 363 के तहत दर्ज कर लिया गया है। दोनों अभियुक्त जो प्रकाश में आए थे उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। बाद में लड़की का मेडिकल परीक्षण और बयानों के आधार पर मामले में पास्को एक्ट की धारा की बढ़ोतरी की गई क्योंकि पीड़िता की उम्र 14 साल बताई गई। इस अभियोग के चलते दोनों अभियुक्त को जेल भेजा गया है। दोनों 14 दिन की जुडिशल कस्टडी में है।‘

बता दें, कि बच्चों के शरीर को गलत इरादे से छूना या बच्चों के साथ गलत भावना से की गयी सभी हरकते POCSO Act के तहत रेप की श्रेणी में रखी गयी है एवं इन सभी अपराधों में कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है। POSCO एक्ट 18 साल से कम आयु यानी नाबालिक बच्चे के साथ हुए हादसे के बाद लगाया जाता है। वहीं आईपीसी की धारा 363 अपहरण करने पर लगता है। 

अतः आसिफ खान द्वारा किया गया ट्वीट भ्रामक है। ट्वीट इस पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने के मकसद से किया गया है। उवेद खान और जीतेन्द्र सैनी ने नाबालिक लड़की को अपहरण करने का प्रयास किया था। लड़की नाबालिक है यह जानते हुए भी उन्होने ने लड़की को फसाया है और हमेशा की तरह एक कट्टरपंथी दूसरे कट्टरपंथी के बचाव और उसके करतूत को लीपापोती करने में आगे की कतार में खड़े दिखे।

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे कुत्सित मानसिकता मोहम्मद आसिफ खान की दिखी। आसिफ खान खुद को कथित रूप से पत्रकार कहता है, और अपने समुदाय विशेष का बचाव करने हेतु 14 साल की लड़की की अपहरण जैसे जघन्य पाप की गंभीरता के साथ खिलवाड़ करता है। ऐसे लोगों की जितनी निंदा की जाए वो कम है।

दावाउत्तरकाशी के पुरोला में एक नाबालिक हिंदू लड़की अपने स्वयं की मर्जी से मुस्लिम लड़के के साथ भागने की कोशिश कर रही थी।
दावेदार मोहम्मद आसिफ खान
फैक्ट चैकभ्रामक

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