फर्जी – असल में ससुर और बहू ने नहीं की शादी। वीडियो काल्पनिक है।

0
2721
ससुर बहू ने की आपस में शादी
इस वायरल खबर का दावा फर्जी है

सोशल मीडिया अब लोगों से जुड़ने और खबरों की जानकारी लेने से बढ़कर सनसनी फैलाने के उपयोग में आने लगा है। आए दिन ऐसी कई  फोटो या वीडियो देखने को मिलता है, जिसे इंसान सच मान लेता और असलियत में वो फोटो या वीडियो लोगों के संवेदनाओं और भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता है। हाल ही में ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ और देखते ही देखते अब वो लोगों का गपशप करने का विषय बन गया है। वीडियो में मंदिर से शादी करके एक जोड़ा बाहर आ रहा और दावा यह किया जा रहा है कि वो ससुर और बहू है।

वीडियो में एक शादी शुदा जोड़ा मंदिर से बाहर निकल रहा है। आदमी अधेड़ उम्र का है और लड़की महज 25 साल की है। फिर वीडियो बनाने वालों ने जोड़े के ऊपर दबाव देकर उनके रिश्ते के बारे में पूछा तो आदमी ने बताया कि यह मेरी बहू थी, इसका पति यानी मेरा बेटा अब मर चुका है और मेरी भी बीवी की मृत्यु हो चुकी है इसलिए हम दोनों ने शादी कर ली है। यानी ससुर और उसके बहू ने आपस में शादी कर ली है। 

यह वीडियो ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक तीनों जगह पिछले एक साल से वायरल हो रहा है। इस वीडियो की सबसे अहम बात यह है कि, इसे हिंदू संस्कृति का अपमान करने के मकसद से साझा किया जा रहा है। इस वीडियो के माध्यम से सनातन संस्कृति का उपहास उड़ाया जा रहा है।

कायनात अंसारी नाम से एक ट्विटर हैंडल ने यह 2 मिनिट और 20 सेकंड का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि, “ बेटा मर गया तो ससुर ने बहू से शादी कर ली! टनाटनी लोग हमेशा सुर्खियों में रहते हैं!!”

डाक्टर जावेद मोदी ट्विटर पर लिखता है कि,” असली मौज तो, अमृतकाल मे हिंदू उठा रहे है…संस्कारी है बाबा,… क्या अब अखंड विश्वगुरु हिंदुराष्ट्र मे हिंदू आज़ादी से शादी भी नही कर सकता?”

मोहम्मद तोसिफ चौधरी ने लिखा कि, “ अब्दुल तो सिर्फ बदनाम है, काम तो दरअसल इनका है, अंध भक्तों पेशाब पियों,  गोबर खाओं बजाओं ताली..”

इसके अलावा ये वीडियो फेसबुक पर यहां शेयर किया गया है, यूट्यूब पर यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है।

यह भी पढ़े: बसपा उम्मीदवार द्वारा एक युवक को पीटने का विडियो साझा कर कांग्रेस ने बताया भाजपा गठबंधन का

तो क्या सच में एक हिंदू ससुर ने अपनी बहू से शादी कर ली या हिंदू विरोधी तत्वों द्वारा सनसनी फैलाने और सनातन धर्म का नीचा दिखाने का एक और प्रयास है। चलिए देखते है।

फैक्ट चेक

इस वीडियो का लिंक हमने Invid पर सर्च किया तो इस वीडियो का मूल सूत्र फेसबुक मिला जहां से यह वीडियो हटाया जा चुका है। हालांकि यह वडियो फेसबुक पर भी कई अन्य यूजर्स ने शेयर किया है। जिसके बाद हमने वीडियो के फ्रेम का स्क्रीनशॉट लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया जिसके जहां कुछ चौंका देने वाली चीजें समाने आईं।

इस विडियों को पिछले वर्ष जी न्यूज ने भी शेयर किया था। ज़ी न्यूज़ ने अपने लेख में भी यह दावा किया है कि, एक ससुर ने अपनी बहू से शादी कर ली है। परंतु यह वीडियो 6 मिनट और 30 सेकंड का है। ज़ी न्यूज़ द्वारा शेयर किया वीडियो के अंत में एक अस्वीकरण यानी disclaimer है। अस्वीकरण में इस बात की पुष्टि की गई है कि यह वीडियो मनोरंजन लिए है और कहानी काल्पनिक है।

Source- Zee News
Source- Zee News

आपको बता दें कि यह वीडियो सोशल मीडिया वेबसाइट पर हिंदू विरोधी दावों के साथ साझा किया गया है लेकिन इसको यूट्यूब पर रिपब्लिक न्यूज़ नामक एक चैनल ने भी ससुर बहू की सनसनी कहानी की तरह पेश किया है। यही नहीं रिपब्लिक न्यूज़ ने वीडियो से आखिरी का अस्वीकरण यानी disclaimer का हिस्सा भी काट दिया है ताकि लोगों को यह सच्ची घटना लगें।

बता दें कि यह अर्णब गोस्वामी का द रिपब्लिक नहीं है बल्कि रिपब्लिक न्यूज़ है जो मेवात का लोकल चैनल है। इसकी एंकर सना खान है।

इस पूरे प्रकरण से दो बातें सामने निकल कर आ रही है- 1-  यह वीडियो ट्विटर पर काट- छाँट करके साझा किया जा रहा है ताकि आखिरी का disclaimer लोगों को ना दिखे। 2-  यह कि इस वीडियो में मंदिर, ससुर और बहू शब्द का प्रयोग किया गया है ना कि मस्जिद  का यानी वीडियो का मकसद हिंदू धर्म को नीचा दिखाना थाअथार्थ यह पूरा मामला फर्जी है इसमें तनिक सच्चाई नहीं है।

यह भी पढ़े: जामिया हिंसा में शरजील, सफूरा और अन्य किसी भी आरोपी को कोर्ट ने बरी नहीं किया

जब हमारे ही देश में हिंदू के हिंदू विरोधी अराजक तत्वों द्वारा यह अस्लील वीडियो साझा किया जा रहा है तब मुख्य धारा मीडिया की जिम्मेदारी होती है कि कि ऐसी अफवाहों को रोकें। लेकिन यहां मामला बिल्कुल विपरीत है। अराजक तत्वों को रोकने की जगह उनका वीडियो लेख के साथ ज़ी न्यूज़ छाप रहा है।

यकीनन, हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़ करने वालों को the only fact बेनकाब करता रहेगा।

दावामंदिर में ससुर और बहू ने की आपस में शादी
दावेदारहिंदू विरोधी तत्व,  ज़ी न्यूज़ और कुछ अन्य सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चैकफर्जी

प्रिय पाठकों, हम भारत के खिलाफ फर्जी खबरों को उजागर करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हमारे पास अन्य लोगों की तरह कोई कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं है। आपका छोटा सा सहयोग हमें और आगे बढ़ने में मदद करेगा। आप हमें लिविक्स मीडिया फाउंडेशन क्यूआर कोड द्वारा भी सहयोग कर सकते हैं