टेक्नोलॉजी जितना आशीर्वाद है उतना ही अभिशाप भी है। गलत हाथों में अच्छा से अच्छा तकनीक का दुस्र्पयोग होना निश्चित है। जैसे बम का आविष्कार खुदाई से लेकर सेना के इस्तेमाल के लिए हुआ था, लेकिन आज इसे इस्लामिक कट्टरपंथी जिहाद करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप फेक ऐसी तकनीक है, जिनका इस्तेमाल करके भ्रामक प्रचार से लेकर फर्जी खबर फैलाने के लिए किया जा रहा है। हालिया में फेसबुक पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में भारत के स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया दिख रहें है।
वायरल वीडियो में मनसुख मांडविया कह रहें है कि, “मैं भारत के सभी मधुमेह रोगियों से अपील करता हूं। आपके पास राष्ट्रीय मधुमेह उपचार कार्यक्रम में शामिल होने का एक आखिरी मौका है। जुलाई में कार्यक्रम स्थगित कर दिया जाएगा। यदि आपको या आपके परिवारजनों को मधुमेह है तो वेबसाइट पर जाएं। मेरा नाम मनसुख मांडविया और मैं आपको गारंटी देता हूं कि आपका चीनी सामान्य हो जाएगा। मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं।”
फेसबुक पर यह वीडियो ग्लूको एक्टिव नामक हैंडल से साझा किया गया है। वीडियो में एनडीटीवी का प्रतीक चिन्ह यानी लोगो स्क्रीन के बाएं ओर लगा हुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया एक बहुत ही गंभीर, सुलझे हुए और तेज तर्रार नेता है ऐसे में वो मधुमेह जैसी बिमारी जिसका अभी तक कोई ठोस इलाज़ नहीं आया है, उसको ठीक करने का दावा कर रहें है। यह अपने आप विचार करने का विषय है। प्रश्न यह उठता है कि क्या सच में स्वास्थ मंत्री सुगर यानी मधुमेह के रोगियों को बीमारी से निजात पाने का दावा करे रहें है? अगर नहीं तो वीडियो में ठीक उनकी तरह दिखने वाला व्यक्ति कौन है?
इस वायरल वीडियो की पड़ताल हमने यूट्यूब पर आधिकारिक एनडीटीवी न्यूज़ चैनल पर प्रसारित स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया का वीडियो देखकर किया, क्योंकि फेसबुक वीडियो में प्रतीक चिन्ह एनडीटीवी का लगा हुआ है।
एनडीटीवी के आधिकारिक न्यूज़ चैनल पर हमें ऐसी कोई वीडियो नहीं मिली जहां स्वास्थ मंत्री मधुमेह रोग से पीड़ित रोगियों को उनका बीमारी ठीक करने का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा हमें ना ही कोई न्यूज़ रिपोर्ट मिली जहां वायरल वीडियो में कही हुई बात की पुष्टि कर पाए।
इससे यह तो साफ हो गया कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मधुमेह रोग को ठीक करने जैसा कोई भ्रामक प्रचार नहीं किया है। खैर, वायरल वीडियो की पड़ताल करना और सत्यापित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते है।
डीप फेक एक ऐसी तकनीक है जिसमें एक मौजूदा छवि या वीडियो में एक व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को लगा दिया जाए, इतनी समानता से कि उनमें अंतर करना कठिन हो जाए। इस कारण से फेसबुक पर दिख रहें वीडियो में व्यक्ति मनसुख मांडविया जैसा ज़रूर है लेकिन असल में वो है नहीं।
नीचे हम वायरल फेसबुक वीडियो का पर्दाफाश करेंगे।
पहला यह कि एनडीटीवी के असल प्रतीक चिन्ह में N और D में रिक्त स्थान है, लेकिन फेसबुक वीडियो में N और D के बीच में कोई रिक्त स्थान नहीं है।
दूसरा- केंद्रीय स्वास्थ्य के दोनों कंधे अलग- अलग है। दाएं कंधे पर शर्ट और जकेट सामान्य है, लेकिन वहीं बाएं कंधे पर जैकेट और शर्ट के बीच घपला है। शर्ट और जैकेट मिक्स नज़र आ रहें है।
तीसरा- स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया जी के दोनों कानों में भिन्नता है। दाहिना कान बड़ा है जबकि बाया कान छोटा है।
चौथा- स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया के जैकेट का दूसरा बटन पहले और तीसरे बटन से अलग है।
पांचवा- 24 सेकंड एक फेसबुक वीडियो में स्वास्थ मंत्री का एक्सप्रेशन सामान्य नहीं है। मांडविया जी के शब्दों के पीछे उत्साह नहीं है, जबकि स्वास्थ मंत्री अपनी बात बेबाकी और भावनात्मक रूप से रखते हैं। फेसबुक वीडियो में आवाज़ मनसुख मांडविया की नहीं बल्कि किसी आईवीआर यानी कंप्यूटराइज्ड आवाज़ लग रही है।
ऊपर उल्लेख किए गए दावे और सबूतों के आधार पर यह कहना उचित होगा कि फेसबुक पर वायरल वीडियो में स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया जैसा दिखने वाला व्यक्ति वो नहीं वल्कि उनका डीप फेक रूपांतर है। चेहरा ज़रूर केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जैसा दिख रहा है लेकिन उसमें भी कई खामी है और आवाज़ बिल्कुल ही फर्जी है। वीडियो में आवाज़ मानवीय नहीं है बल्कि कंप्यूटराइज्ड आवाज़ है।
अतः वायरल वीडियो भ्रामक और फर्जी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और वीडियो बनाने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे वीडियो के जरिए हजारों लाखों मधुमेह रोगियों को ठग सकते है, जिससे उनका शारीरिक, मानसिक और वित्तीय नुकसान होने की प्रबल संभावना है।
दावा | फेसबुक वीडियो के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि मधुमेह रोग का इलाज संभव है। रोगियों का चीनी सामान्य हो जाएगा। |
दावेदार | फेसबुक पेज |
फैक्ट चैक | भ्रामक और फर्जी |
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