Home हिंदी ईसाई प्रचारक की दशकों पुरानी फोटो कांग्रेस नेता राहुल की रैली की भीड़ बताकर कर रहे हैं वायरल

ईसाई प्रचारक की दशकों पुरानी फोटो कांग्रेस नेता राहुल की रैली की भीड़ बताकर कर रहे हैं वायरल

Share
Share

कांग्रेस द्वारा 7 सितंबर 2022 से शुरू की गई भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को कर्नाटक के बेल्लारी पहुंची। यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी ने यहाँ एक जनसभा को संबोधित किया। हालांकि उनकी बेल्लारी जनसभा से जोड़ते हुए एक फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है।

फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी को सुनने के लिए यहाँ जनसैलाब उमड़ पड़ा।

ट्विटर पर इस फोटो को मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील अहीर, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव, राजस्थान यूथ कांग्रेस की प्रभारी इशिता सेधा समेत अन्य कांग्रेस सदस्यों ने शेयर किया है।

Fact Check

हमारी टीम ने वायरल फोटो की पड़ताल की क्योंकि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आयोजित जनसभाओं में अक्सर पार्टी का झंडातिरंगा दिखाए देते हैं हालांकि इस फोटो में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा था।

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए वायरल फोटो को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें इससे मिलती जुलती फोटो एक वेबसाइट पर फरवरी 2010 में प्रकाशित आर्टिकल में मिल गई। बाद में दोनों फोटो की तुलना करने पर पता चल गया कि दशकों पुरानी तस्वीर ही अब वायरल हो रही है।

स्लोवाक भाषा में लिखी गई जानकारी के अनुसार यह फोटो 2009 में ईसाई मत प्रचारक रेनहार्ड बोन्के की सेवा के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित जश्न की है। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार रेनहार्ड बोन्के एक जर्मन-अमेरिकी ईसाई प्रचारक और क्राइस्ट फॉर ऑल नेशंस (CfaN) संस्था के संस्थापक थे। वह मुख्य रूप से पूरे अफ्रीका में अपने मिशनरी कार्यक्रमों के लिए जाने गए।

इन तमाम बिंदुओं से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर राहुल गाँधी की बेल्लारी जनसभा की नहीं बल्कि ईसाई धर्म प्रचारक रेनहार्ड बोन्के के धार्मिक कार्यक्रम की है।

Claimभारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गाँधी की बेल्लारी जनसभा में जनसैलाब उमड़ा
Claimed byजीतू पटवारी, सुनील अहीर, चंदन यादव, इशिता सेधा समेत अन्य कांग्रेस सदस्य
Fact Checkदावा फर्जी है, वायरल तस्वीर राहुल गाँधी की बेल्लारी जनसभा की नहीं बल्कि ईसाई धर्म प्रचारक रेनहार्ड बोन्के के धार्मिक कार्यक्रम की है जोकि दशकों पुरानी है।

प्रिय पाठकों, हम भारत के खिलाफ फर्जी खबरों का उजागर करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हमारे पास अन्य लोगों की तरह कोई कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं है। आपका छोटा सा सहयोग हमें और आगे बढ़ने में मदद करेगा। कृपया सहयोग करें।

जय हिन्द !

Share