सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिस कई लोगों को डंडा मारते दिख रही है।
इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग एक बिल्डिंग से बाहर निकल रहे हैं उसी समय पुलिस कई लोगों की डंडे से पिटाई कर रही है।
वीडियो भारत से बाहर कई देशों में वायरल हो रहा है। तुर्की के कई यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया और दावा किया कि भारतीय पुलिस मुस्लिमों को नमाज पढ़ने के लिए डंडे से मार रही है।
हमारी टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल की।हमारी पड़ताल में इसकी सच्चाई दावों से कहीं अलग मिली।
Fact Check
पड़ताल को शुरू करने के लिए हमनें सबसे पहले वायरल वीडियो के की फ्रेम को रिवर्स चेक किया। इस दौरान हमें यूपी तक द्वारा 20 मार्च 2020 को पोस्ट की गई एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के बेलगाम में कोरोना वायरस के कारण लगाई गई तमाम पाबन्दियों के बावजूद शहर की दो मस्जिदों में नमाज पढ़ी जा रही थी। इसकी जानकारी पुलिस को मिली, पुलिस ने यहां से भगाने के लिए लोगों की लाठी से पिटाई की।
रिपोर्ट के कैप्शन के मुताबिक ये घटना कोरोना के कारण लगाए गए संपूर्ण लॉकडाउन शुरू होने के बाद पहले जुमे की थी जिसको लेकर तमाम शहरों में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने निर्देश जारी किया था कि लोग मस्जिद ना आकर घरों में ही नमाज पढ़ें। हालांकि, कुछ शहरों में नमाज के लिए लोग मस्जिद में जमा हो गए थे जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की थी।
इन तमाम बिंदुओं के विश्लेषण से साफ है कि वायरल वीडियो के साथ ये दावा कि, भारतीय पुलिस मस्जिद से नमाज पढ़ने वालों को हटाने के लिए लाठी बरसा रही है, पूरी तरह से गलत है।
Claim | भारतीय पुलिस मस्जिद से नमाज पढ़ने वालों को हटाने केलिए लाठी बरसा रही है |
Claimed by | तुर्किश यूजर्स |
Fact Check | दावा भ्रामक है |
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जय हिन्द
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