पत्रकार ज़ाकिर त्यागी ने 4 फरवरी 2022 को अपने ट्विटर हैंडल से वह वायरल वीडियो साझा किया, जिसमें कुछ छात्र ‘पाकिस्तान जिंदाबाद‘ का नारा लगा रहे थे तथा बाद में पुलिस द्वारा उन पर एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी। ज़ाकिर त्यागी ने दावा किया कि वायरल वीडियो में छात्र “जैद सर जिंदाबाद” और “मोनिस सर जिंदाबाद” के नारे लगा रहे थे न कि “पाकिस्तान जिंदाबाद” के।
कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने भी इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि “बच्चे जैद सर जिंदाबाद और मोनिस सर जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, दक्षिणपंथियों ने मोनिस की जगह पाकिस्तान जिंदाबाद बताकर वीडियो वायरल किया है।“
इसके अलावा, फ्री प्रेस जर्नल ने भी छात्रों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि, छात्रों ने “पाकिस्तान जिंदाबाद” का नारा नहीं लगाया था।
एक अन्य ट्विटर यूजर और लेफ्ट प्रोपगैंडा पत्रकार, ड्रंक जर्नलिस्ट ने वायरल वीडियो का बचाव करते हुए लिखा, “देश पागल हो गया है। लोग कुछ भी पाकिस्तान जिंदाबाद से जोड़ रहे हैं।”
जामिया टाइम्स के प्रोपगैंडा पत्रकार अहमद खबीर ने भी छात्रों के बचाव में लिखा, “ग्लोकल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए थे, बल्कि अपने शिक्षकों की प्रशंसा में ‘जैद सर जिंदाबाद’ और ‘मोनिस सर जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे।
क्या वाकई में इन छात्रों ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगाया था? आइए इसकी पड़ताल करें।
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पड़ताल के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च किया जिससे हमें एबीपी लाइव पर एक यह विडियो मिला। एबीपी लाइव के अनुसार नारे लगाने वाले छात्र सहारनपुर के ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के हैं।
इसके अलावा, हमने वायरल वीडियो को लूप पर चलाया तो पाया कि पहले चार सेकंड में “जैद सर जिंदाबाद” के नारे लगाए जाते है तथा 5वें सेकंड से “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” के नारा लगाया जाता है।
इसके अलावा, हमारी टीम ने इनशॉट एडिटिंग ऐप का उपयोग करके वीडियो को 0.90x, 0.80x और 0.70x प्लेबैक स्पीड पर चलाया। यहां तीन अलग-अलग प्लेबैक स्पीड से चलाए गए वीडियो हैं:
वीडियो को 0.70x प्लेबैक स्पीड से चलाने पर यह साफ हो गया है कि पहले दो बार छात्र जैद सर के बारे में नारे लगाते है। जबकि, तीसरी बार (5 सेकंड से) वे पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हैं।
हालांकि पुलिस ने इन छात्रों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है और ऑडियो को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के देश विरोधी नारे लगाए गए हैं।
पीएफआई (PFI) समर्थकों ने कई बार पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए है और इसी तरह वामपंथी प्रचारक अपने तथाकथित फैक्ट चैक स्किल्स के साथ उन्हें क्लीन चिट देने के लिए बचाव में आ जाते है।
एक बार ऑडियो की फॉरेंसिक टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद हमारी टीम अपने आर्टिकल में उसी हिसाब से अपडेट करेगी।
दावा | सहारनपुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए थे |
दावेदार | जाकिर त्यागी, अब्बास हफीज, फ्री प्रेस जर्नल, ड्रंक जर्नलिस्ट और अहमद खबीर |
फैक्ट चैक | झूठा |
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जय हिन्द
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