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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर PM का बयान गलत संदर्भ में वायरल

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री अपनी ही पार्टी भाजपा की पोल खोल रहे हैं

इस वीडियो में प्रधानमंत्री कह रहे हैं, “हमने देखा है कि जेल की सजा होने के बावजूद भी, भ्रष्टाचार साबित होने के बावजूद भी कई बार भ्रष्टाचारियों का गौरवगान किया जाता है। मैं तो देख रहा हूं, ऐसे ईमानदारी का ठेका ले करके घूमने वाले लोग उनके साथ जा करके ऐसे हाथ पकड़कर फोटो निकालने में शर्म नहीं आती उनको।”

“ये स्थिति भारतीय समाज के लिए ठीक नहीं। आज भी कुछ लोग दोषी पाए जा चुके भ्रष्टाचारियों के पक्ष में भांति-भांति के तर्क देते हैं। अब तो भ्रष्‍टाचारियों को बड़े-बड़े सम्‍मान देने के लिए वकालत की जा रही है, ये कभी ऐसा सुना नहीं हमने देश में।”

वीडियो को ट्विटर पर चंडीगढ़ प्रादेशिक महिला कांग्रेस की महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा असधीर दुबे, ट्रोल अकाउंट मनीषा चौबे, कांग्रेस समर्थक आनंद माली समेत अन्य ने शेयर किया है।

वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावों को लेकर हमनें पड़ताल की। हमारी पड़ताल में वीडियो की सच्चाई बिल्कुल अलग मिली।

Fact Check

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमनें वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री द्वारा बोले गए वाक्यों को इंटरनेट पर सर्च किया। इस दौरान हमें प्रधानमंत्री की आधिकारिक वेबसाइट पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सतर्कता जागरूकता सप्ताह पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के संबोधन का ट्रांसक्रिप्ट मिल गया।

इस ट्रांसक्रिप्ट को पूरा पढ़ने पर पता चला कि वायरल वीडियो विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम का ही है। इसी ट्रांसक्रिप्ट में प्रधानमंत्री के संबोधन के यूट्यूब वीडियो का लिंक भी मिला जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय के यूट्यूब चैनल पर 3 नवम्बर 2022 को अपलोड किया गया था। प्रधानमंत्री का वायरल बयान ओरिजनल वीडियो में 46 मिनट 15 सेकंड के बाद सुना जा सकता है।

इस वीडियो को पूरा सुनने पर पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष को घेर रहे थे। क्योंकि अपने संबोधन के प्रारंभ में ही उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड से हमें भ्रष्टाचार की, शोषण की, संसाधनों पर कंट्रोल की जो लीगेसी मिली, उसको दुर्भाग्य से आजादी के बाद और विस्तार मिला और इसका बहुत नुकसान देश की चार-चार पीढ़ी ने उठाया है। लेकिन आजादी के इस अमृतकाल में हमें दशकों से चली आ रही इस परिपाटी को पूरी तरह बदल देना है।

इन तमाम बिन्दुओं से स्पष्ट है कि ये दावा कि, प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी पार्टी की पोल खोल रहे थे, भ्रामक है।

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