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नहीं, दिल्ली दंगो का आरोपी खालिद सैफी एक सामाजिक कार्यकर्ता नहीं है

8 अक्टूबर 2022 को, प्रिज़नर्स ऑफ़ कॉन्शियस-इंडिया (POC) ने दावा किया कि एनजीओ यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सह-संस्थापक खालिद सैफी एक सामाजिक कार्यकर्ता और अल्पसंख्यकों की आवाज़ हैं। POC ने यह दावा एक ट्वीट कर किया कि, “यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सह-संस्थापक सामाजिक कार्यकर्ता खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया गया है। खालिद हेट स्पीच, मुस्लिम विरोधी हिंसा और भाजपा की भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ मुखर रहे हैं।”

इस दावे का समर्थन एक हिन्दू विरोधी पेज, हिंदुत्ववॉच ने भी किया है।   

फैक्ट चैक 

टीम ने POC के इस दावे की पड़ताल की। पड़ताल के लिए हमने गूगल पर खालिद सैफी कीवर्ड सर्च किया तब हमें टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने खालिद सैफी को गिरफ्तार किया था, क्योंकि वह फरवरी 2020 में CAA विरोधी दंगों के दौरान चांद बाग इलाके में हुई हिंसा के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक था।

स्त्रोत – टाइम्स नाउ

दिल्ली दंगों की एक चार्जशीट में भी खालिद का नाम था। दिल्ली पुलिस के बयान के अनुसार, खालिद 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में CAA विरोधी दंगों के लिए हुई बैठक में भी शामिल हुआ था।

स्त्रोत – टाइम्स नाउ

हमारी आगे की जांच में जी न्यूज की भी एक रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने स्थापित किया था कि खालिद सैफी के एनजीओ यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ने सिंगापुर के एक NRI से CAA विरोधी दंगों के लिए धन प्राप्त किया था। खालिद ने दंगों के लिए धन जुटाने के लिए कई देशों का दौरा भी किया था तथा जाकिर नाइक से भी मुलाकात की थी। इतना ही नहीं, उसे आतंकी गतिविधियों फंडिंग करने वाले इस्लामिक संगठन PFI द्वारा भी वित्त पोषित किया था, जिसे हाल ही में भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी फंडिंग के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

स्त्रोत – जी न्यूज

अपनी पड़ताल में हमें यह भी जानकारी मिली कि 8 अप्रैल, 2022 को, दिल्ली अदालत ने CAA विरोधी दंगों में UAPA की धारा 43-डी (5) के साथ CRPC की धारा 437 के तहत सैफी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जमानत याचिका के आरोप पत्र के अनुसार न्यायमूर्ति अमिताभ रावत ने कहा था कि सैफी भी उन आरोपियों की सूची में है जो दंगों के अन्य आरोपियों से संबंधित थे।

स्त्रोत – दिल्ली अदालत

उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि प्रिज़नर्स ऑफ़ कॉन्साइंस-इंडिया (POC) और हिंदू विरोधी पेज हिंदुत्व वॉच द्वारा किया गया दावा सैफी की छवि को एक सामाजिक कार्यकर्ता, परोपकारी और अल्पसंख्यकों के लिए आवाज के रूप में चित्रित करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है। खालिद सैफी दिल्ली दंगों के पीछे प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक है, जिसने दिल्ली को जला दिया और कई लोगों की जान ले ली थी।

दावा खालिद सैफी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं
दावेदार प्रिजनर्स ऑफ कॉन्शियस इंडिया और हिंदुत्ववाच पेज
फैक्ट चैक झूठा

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जय हिन्द !

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