कांग्रेस की जारी भारत जोड़ो यात्रा के बीच सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया में एक खबर चली कि गुलाम नबी आजाद काँग्रेस में फिर से शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के समर्थक पवन दीक्षित ने एक ट्वीट में दावा किया है कि गुलाम नबी आजाद काँग्रेस में फिर से शामिल हो सकते हैं।
दीक्षित ने इसके अलावा यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत के साथ ही कांग्रेस अपनी पुरानी रंगत में लौटते दिख रही है। पहले कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ रहे थे। लेकिन यात्रा शुरू होने के बाद अब दूसरे दलों के नेता भी कांग्रेस में आ रहे हैं।
दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से खबर चलाई कि गुलाम नबी कांग्रेस में फिर वापस आ सकते हैं। इसके आधार पर बाकी मीडिया ने भी यही खबर चला दी।
हमारी टीम ने इस दावे की पड़ताल की। हमारी पड़ताल में दावे की सच्चाई बिल्कुल अलग निकली।
Fact Check
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमनें इंटरनेट पर गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस, वापसी जैसे कीवर्ड्स सर्च किए। इस दौरान हमें रिपब्लिक मीडिया की एक रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में वापसी की खबरों को ‘निराधार’ बताया है। और कहा कि जानबूझ कर अफवाह फैलाई जा रही है। इस खबर में उनके ट्वीट का हवाला दिया गया था।
आगे हमनें आजाद की ट्विटर टाइमलाइन खंगाली। इस दौरान हमें कांग्रेस में शामिल होने वाली खबरों का खंडन करने वाली ट्वीट्स की एक श्रंखला मिल गई। इसमें वो कहते हैं कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बारे में एएनआई संवाददाता द्वारा दायर की गई कहानी को देखकर मैं हैरान हूं।
आगे उन्होंने कहा कि, “दुर्भाग्य से कांग्रेस पार्टी के नेताओं का एक वर्ग इस तरह की कहानियां रच रहा है। यह सिर्फ मेरे नेताओं का मनोबल गिराने के लिए है। उनके मन में कांग्रेस और उसके नेतृत्व के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है। मेरा उनसे अनुरोध है कि वे कहानी सुनाने वालों को ऐसा सरने से रोके। उन्होंने किसी कांग्रेस नेता से बात नहीं की और किसी ने उन्हें फोन नहीं किया।”
अंत में उन्होंने कहा कि, “अफवाहों के बावजूद वे मजबूत होकर उभरेंगें। उन्हें जो कुछ भी कहना था, वह अपने त्याग पत्र के जरिए कह चुके हैं।”
इन तमाम बिंदुओं के विश्लेषण से साफ है कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में दोबारा नहीं शामिल हो रहे हैं। बल्कि यह निराधार खबरें मीडिया व सोशल मीडिया पर चलाई जा रही हैं।
Claim | गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में दोबारा शामिल हो सकते हैं |
Claimed by | पवन दीक्षित, एएनआई |
Fact Check | फर्जी है |
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जय हिन्द
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