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क्या मोदी सरकार CISF को बंद करने की तैयारी में है? जाने सच्चाई

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके माध्यम से कहा जा रहा है कि अब सीआईएसएफ को भी बंद कर दिया जाएगा और इसे भी निजी करण के दायरे में लाया जाएगा। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर लोग काफी तैयार कर रहे हैं जिसमें कई वेरिफाइड ट्विटर यूजर भी शामिल है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, दलित एक्टिविस्ट हंसराज मीणा, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य हिम्मत सिंह गुर्जर ने भी वीडियो को शेयर किया और दावा किया कि सरकार अब सीआईएसएफ को भी निजी क्षेत्र के दायरे में लाएगी या बंद करने की तैयारी में है।

आर्काइव लिंक
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वीडियो में दिया जा रहा भाषण और लिखे गए कैप्शन के कारण पोस्ट सन्देहास्पद लगी। लिहाजा हमनें वीडियो की पड़ताल की तो सबसे पहले पता चला कि यह वर्तमान का वीडियो ही नहीं है बल्कि 6 मार्च 2022 का है जब केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ग़ाज़ियाबाद में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) के 53वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।

वायरल वीडियो में डीडी न्यूज के लोगो लगे होने के कारण हमनें चैनल का 18 मिनट 55 सेकंड का ओरिजनल वीडियो देखा जिसे डीडी न्यूज ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। 

अपने भाषण में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआईएसएफ के सामने भी ढेर सारी नई स्थिति आएँगी। ढाई ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की यात्रा में बहुत सारे प्राइवेट सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बड़ी बड़ी इकाइयां स्थापित होंगी। डिफेंस सेक्टर, अंतरिक्ष और ड्रोन सहित हर क्षेत्र के अंदर बहुत सारा प्राइवेट औद्योगिक उत्पादन भी आने वाला है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो लक्ष्य रखा है उसे आगे बढ़ाते हुए सीआईएसएफ को 5 साल का एक रोडमैप तैयार करना चाहिए जिसमें हम सीआईएसएफ को भविष्य के 25 साल के लिए तैयार करें। साथ ही 25 साल का एक रोडमैप तैयार किया जाए जिसके माध्यम से हम सीआईएसएफ को शताब्दी के वर्ष में सुसज्जित कर परिणाम देने वाली संस्था के रूप में देखें।

उन्होंने कहा कि देश में प्राइवेट सिक्योरिटी का काम बहुत तेजी से बढ़ रहा है,सरकार ने इसके लिए कानून और नियम भी बनाए हैं। क्या सीआईएसएफ़ उनकी ट्रेनिंग का जिम्मा ले सकता है।औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करने वाली प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की ट्रेनिंग का जिम्मा भी क्या सीआईएसएफ ले सकता है। 

शाह ने कहा कि कुछ मॉडल्स बनाए जा सकते हैं जैसे एक हजार कर्मियों वाली उत्पादन इकाइयां 5000 और 10,000 कर्मियों वाली उत्पादन इकाइयां। साथ ही कुछ चुनिंदा क्षेत्रों की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए उसके सुरक्षा का मॉडल। यह सभी कार्य कर प्राइवेट एजेंसियों की भी दक्षता बढ़ानी पड़ेगी क्योंकि सीआईएसएफ अकेला पूरे देश के औद्योगिक क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें एक हाइब्रिड मॉडल खड़ा करना चाहिए जिसकी रणनीति तो सीआइएसएफ बनाए परंतु जिसमे प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियां और सीआईएसएफ़ दोनों हाइब्रिड मोड पर सुरक्षा का एक पूरा खाका तैयार कर सुरक्षा प्रदान करें और धीरे-धीरे उसे प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों को सौप दिया जाए।

( हाइब्रिड मॉडल समझने के लिए 12वें मिनट से वीडियो देखें)

हालांकि सीआईएसएफ पहले से भी कई निजी संस्थानों को सुरक्षा प्रदान कर रही है। मौजूदा मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया था कि वर्तमान में, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) राज्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ – साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। सीआईएसएफ ने निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) के साथ परामर्श किया है।

मंत्रालय के मुताबिक सीआईएसएफ वर्तमान में 12 निजी क्षेत्र के संस्थानों / कंपनियों में तैनात है।

निजी क्षेत्र के संस्थानों कंपनियों में सीआईएसएफ की तैनाती का विवरण निम्नानुसार है :

स्त्रोत : लोकसभा

अर्थात गृहमंत्री शाह के कथन का आशय है अन्य निजी सुरक्षा कम्पनियों को सीआईएसएफ के निर्देशन में, दक्षतापूर्वक काम करने के लिये तैयार करना है न कि सीआईएसएफ को बंद करके प्राइवेट कम्पनियों को जिम्मेदारी देना।

Claimसरकार CISF को बंद करने की तैयारी में है।
Claimed byकांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, दलित चिंतक हंसराज मीणा, SKM सदस्य हिम्मत सिंह गुर्जर एवं अन्य यूजर
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