24 अक्टूबर 2022 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट साझा कर दावा किया कि एशिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 8 भारत के हैं, लेकिन दिल्ली इस सूची में नहीं है।
आगे उन्होंने अपनी प्रबंधन प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली अब दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं है और उनका लक्ष्य इसे दुनिया का सबसे स्वच्छ शहर बनना है।
केजरीवाल के साथ, डीएनए, आउटलुक इंडिया, द हिंदू और लाइव मिंट सहित कई अन्य मीडिया आउटलेट्स ने अपनी रिपोर्ट में हेडलाइन के माध्यम से यह चित्रित किया कि अब दिल्ली, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में नहीं है।
Fact Check
अपनी पड़ताल में हमने पाया कि वास्तविकता तो पूरी तरह अलग ही है। IQAir रैंकिंग के अनुसार, दिल्ली प्रदूषण के मामले में दुनिया भर के 50 शहरों में पहले स्थान पर है। IQAir के इन आंकड़ों को 24 अक्टूबर 2022 को ही संशोधित किया गया था।
इसके अलावा, ncdc.gov पर CPCB के AQI डेटा की जांच करने के पर, हमने पाया कि 24 अक्टूबर 2022 को दिल्ली का AQI, 312 दर्ज किया गया था, जो कि प्रदूषण की बहुत बुरी स्थिति दर्शाता हैl
AQI को प्रतिदिन मापा जाता है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि दिल्ली पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो गई है। apicn.org के आंकड़ों के अनुसार इस साल अगस्त से अक्टूबर तक दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में apicn.org स्त्रोत का ही हवाला दिया है। खतरनाक गुणवत्ता के लिए मापदंड 144 न्यूनतम और 634 अधिकतम है। दिल्ली का एक AQI पहले ही खतरनाक इंडेक्स की न्यूनतम सीमा तक पहुंच चुका हैl
अपनी पड़ताल के दौरान हमें इंडिया टुडे की भी रिपोर्ट मिली, जिसने भ्रामक हेडलाइन के माध्यम से यह चित्रित करने का प्रयास किया था कि, दिल्ली अब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में नहीं है। इंडिया टुडे की इस रिपोर्ट के अनुसार लगातर चार वर्षो से दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में है। वर्ष 2021 में मध्य और दक्षिण एशिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से, 12 भारत में थे तथा इसी वर्ष नई दिल्ली की हवा में PM2.5 कणो की सांद्रता में 14.6% की वृद्वि हुई थी।
डीएनए की एक और रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2022 में अमेरिका स्थित हेल्थ इफ़ेक्ट इंस्टिट्यूट द्वारा शहरी हवा की गुणवत्ता और शहरी स्वास्थ्य पर किये एक शोध के अनुसार, राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है जबकि पश्चिम की राजधानी कोलकाता दूसरे नंबर पर है।
इसलिए अरविन्द केजरीवाल का यह कहना कि दिल्ली प्रदुषण मुक्त है, पूरी तरह से भ्रामक है। तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ की गई हमारी पड़ताल से साफ है कि अरविंद केजरीवाल ने कुछ चयनित आकड़ो का इस्तेमाल कर लोगो को भ्रमित करने की कोशिश की है।
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जय हिन्द !
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