उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की ओर से प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) का आयोजन 15 और 16 अक्टूबर, 2022 को किया जा रहा है। आयोग की ओर से पीईटी परीक्षा का आयोजन राज्य भर में निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर किया जाएगा जिसके कारण अभ्यर्थियों को अपने निवास स्थान से दूसरे स्थान के लिए ट्रेन बस जैसे साधनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर PET अभ्यर्थियों को जोड़ते हुए कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।
वायरल वीडियो 1 :-
20 सेकंड वाले पहले वीडियो में देखा जा सकता है कि स्टेशन पर दो ट्रेनें बिल्कुल नजदीक में खड़ी हैं और इन दोनों के बीच यात्री चढ़ रहे हैं। हालांकि वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों को UP PET के अभ्यर्थी बताया गया है।
इस वीडियो को ट्विटर पर यूपी की क्षेत्रीय पार्टी RLD, यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता संजीव सिंह, समेत अनेकों ने शेयर किया है।
इसके अलावा इंडिया टुडे के अंतर्गत आने वाले UP Tak ने भी अपनी रिपोर्ट में इस वीडियो का इस्तेमाल किया है। (Updated)
Fact Check
इस वीडियो को लेकर किए जा रहे दावों को लेकर हमनें जब पड़ताल की सच्चाई बिल्कुल अलग निकली।
पड़ताल शुरू करते हुए वीडियो को रिवर्स सर्च किया इस दौरान NDTV की एक रिपोर्ट मिली जिसके फीचर इमेज में ये तस्वीर थी और इस तस्वीर के कैप्शन के साथ फाइल (पुरानी तस्वीर को जब प्रतीकस्वरूप उपयोग किया जाए) लिखा था। यहाँ से तो यह साफ हो गया कि इस वीडियो का UP PET परीक्षा से कोई लेना देना नहीं है और वीडियो काफी पुराना है।
आगे वीडियो के बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के क्रम में यूट्यूब वीडियो की लिंक मिली जिसे 21 मार्च 2016 में अपलोड किया गया था। वीडियो के कैप्शन के अनुसार ये मुंबई के लोकल ट्रेन की भीड़ का है।
पड़ताल के दौरान ही हमें उत्तर मध्य रेलवे का वीडियो का खंडन करने वाला बयान मिल गया जिसमें कहा गया कि प्रियंका गांधी के ट्वीट के संदर्भ में (जो अब डिलीट किया जा चुका है) स्पष्ट किया जाता है कि मेमू ट्रेन का कोच नंबर 40042 15 अक्टूबर को प्रयागराज से नहीं गुजरा है और इस तस्वीर का UPPET परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा भी वीडियो को लेकर खंडन किया गया है।
वायरल वीडियो 2 :-
अन्य वायरल वीडियो में चलती ट्रेन में कुछ यात्री बाहर लटककर यात्रा करते दिखाए गए हैं जिन्हें भी UP PET का अभ्यर्थी बताया गया है।
वीडियो को दैनिक भास्कर की पत्रकार कोमल निगम, भारत समाचार के पत्रकार आशीष पासवान समेत अनेकों यूजर्स ने शेयर किया है। कोमल के वीडियो को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रीट्वीट किया और सरकार पर सवालिया निशान खड़े करने की कोशिश की।
Fact Check
पहले की प्रक्रियाओं का अनुसरण करते हुए हमनें जब इस वीडियो की पड़ताल की तो सच्चाई दूसरी निकली।
वीडियो के बारे में पड़ताल करने पर चला कि यह फरवरी 2018 से यूट्यूब पर मौजूद है। वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार यह पटना का है।
इन तमाम बिंदुओं से साफ है कि सोशल मीडिया पर अलग अलग राज्यों में ट्रेन की भीड़ वाले वीडियो को पोस्ट करके UP PET के अभ्यर्थियों से जोड़ा जा रहा है ताकि लोगों को गुमराह किया जा सके। इससे पहले भी बांग्लादेश में ईद के मौके पर उमड़ी यात्रियों की भीड़ को UP PET का अभ्यर्थी बता दिया गया था।
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जय हिन्द !