पत्रिका समाचार ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को रिपोर्ट कर लिखा कि भागवत ने कहा, “जाति व्यवस्था एक पुरानी सोच थी, अब इसे भूल जाना चाहिए। पहले जो गलतियां हो चुकी है उन पर ब्राह्मणों को प्रायश्चित कर लेना चाहिए। पूर्वजों की गलतियों को मान लेने में कोई हर्ज नहीं है। शास्त्रों में ब्राह्मण कर्म से हुआ करते थे, जन्म से नहीं। बाद में ब्राह्मणों को जन्म से माना जाने लगा। बाद में शास्त्रों ने भी इस बुराई को स्वीकार लिया।”
फैक्ट चैक
RSS प्रमुख मोहन भागवत के बारे में किए गए दावों की हमनें तथ्यात्मक जांच पड़ताल की।
पड़ताल के लिए यह जानना आवश्यक था कि मोहन भागवत ने इस तरह का बयान कहा दिया है। इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स सर्च करने पर हमारी जानकारी में आया कि पत्रिका ने मोहन भागवत के जिस बयान का हवाला दिया है वह दरअसल 7अक्टूबर 2022 को नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का है।
चूंकि मोहन भागवत RSS प्रमुख है इसलिए RSS के आधिकारीक यूट्यूब चैनल पर पड़ताल करने पर, हमें नागपुर के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का 8 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया गया मोहन भागवत का विडियो मिला।
इस विडियो में मोहन भागवत को यह कहते सुना जा सकता है कि, “जाति और वर्ण की अवधारणाओं को अतीत की बात समझ कर भूल जाना चहिए। आगे उन्होंने कहा पूर्वजों ने हर जगह गलतियां की है और भारत भी कोई अपवाद नहीं है, और यदि आपको ऐसा लगता है कि उनकी गलतियों को स्वीकार करने पर वे हीन बन जाएंगे, तो फिर एक बार सोचे। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी के पूर्वजों ने गलतियां की है।“
मोहन भागवत के बयान से साफ होता है कि उन्होंने किसी विशेष जाति का उल्लेख नहीं किया है। पत्रिका ने प्रोपेगेंडा के तहत मोहन भागवत के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है।
हालाकि जब लोगों ने पत्रिका को उनकी इस गलती के लिए बोला तो पत्रिका ने दो दिन बाद माफी मांग कर अपने बयान को सही किया।
दावा | मोहन भागवत ने ब्राह्मणों को पूर्व में की गई गलतियों का प्रायश्चित करने को कहा |
दावेदार | पत्रिका समाचार |
फैक्ट चैक | भ्रामक |
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जय हिन्द !