Home हिंदी नहीं, जमशेदजी टाटा व विवेकानंद के बीच पत्र व्यवहार को लेकर PM का बयान गलत नहीं है

नहीं, जमशेदजी टाटा व विवेकानंद के बीच पत्र व्यवहार को लेकर PM का बयान गलत नहीं है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है जिसमें वो कह रहे हैं कि 30 साल की उम्र के स्वामी विवेकानंद ने जमशेदजी टाटा को देश में फैक्ट्री लगाने के लिए कहा था।

प्रधानमंत्री के इस बयान को सोशल मीडिया पर शेयर कर उनका मजाक उड़ाया जा रहा है और इसके लिए अलग अलग तर्क देकर वो प्रधानमंत्री को गलत साबित करने की कोशिश भी कर रहे हैं।

इस वीडियो को ट्विटर पर RJD समर्थक व जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र तारिक़ अनवर, सपा मुंबई उत्तर पश्चिम के मीडिया प्रभारी सलाम इस्लाम खान, कांग्रेस समर्थक पत्रकार कृष्णकांत समेत अन्य ने शेयर किया है।

वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, “जिसको मालूम होगा कि स्वामी विवेकानंद और जमशेद जी टाटा के बीच जो संवाद हुआ, जो दोनों के बीच पत्र-व्यवहार हुआ, वो किसी ने देखा होगा तो पता चलेगा कि उस समय गुलाम हिंदुस्तान था, तब भी विवेकानंद 30 साल का नौजवान, जमशेदजी टाटा जैसे व्यक्ति से कह रहा ह कि भारत में उद्योग लगाओ ना, मेक इन इंडिया बनाओ ना…”

Fact Check

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए हुए हमनें सबसे पहले यह जानने की कोशिश की प्रधानमंत्री मोदी, जमशेदजी व विवेकानंद के बीच हुए जिस पत्र व्यवहार का जिक्र कर रहे हैं, उसकी सच्चाई क्या है ! इस क्रम में टाटा की आधिकारिक वेबसाइट पर सर्च बार में कीवर्ड्स Vivekanand व Jamshedji Tata सर्च किया। इस दौरान हमें यहां ‘A Meeting On BoardThe Empress of India‘ नामक शीर्षक से मार्च 2019 को प्रकाशित एक लेख मिला। इस लेख में स्वामी विवेकानंद को जमशेदजी टाटा के पत्र की ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट एम्बेड थी।

स्त्रोत : टाटा

ट्रांसक्रिप्ट के मुताबिक मई 1893 में, जापान से वैंकूवर (कनाडा) की यात्रा के दौरान रास्ते में जे. टाटा ने विवेकानंद से साझा किया कि वह जापान से माचिस आयात करने और तकनीक की तलाश में अमेरिका जाने की सोच रहे थे जिससे भारत एक मजबूत औद्योगिक राष्ट्र बन सके। विवेकानंद ने उनसे भारत में निर्माण करने का आग्रह किया और पश्चिम की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों को भारत के एकात्मवाद और मानवतावाद के साथ जोड़ने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। टाटा पर इसका जो प्रभाव पड़ा था वो 5 साल बाद लिखे एक पत्र में स्पष्ट हुआ।

आगे पड़ताल के दौरान ही हमें टाटा स्टील के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 2018 में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर उस पत्र की ट्रांसक्रिप्ट मिल गई जिसका जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान किया था।

इसके अलावा इंटरनेट पर विवेकानंद व जमशेदजी टाटा से सम्बंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर कई मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित न्यूज आर्टिकल्स मिल गए जिसमें विवेकानंद द्वारा जमशेद जी टाटा को दी गई महत्वपूर्ण सलाह का उल्लेख किया गया है।

इन तमाम बिंदुओं से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान कि जमशेद जी को भारत में उद्योग स्थापित करने की सलाह विवेकानंद ने दी थी, पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है व आधिकारिक रूप से सार्वजनिक भी है।

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जय हिन्द !

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