Home हिंदी नहीं, मुस्लिमों के लिए नहीं बल्कि अतिक्रमण के खिलाफ असम में चला बुलडोजर

नहीं, मुस्लिमों के लिए नहीं बल्कि अतिक्रमण के खिलाफ असम में चला बुलडोजर

Share
Share

इन दिनों असम के नागांव जिले में हालिया अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर कई तरह के पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

अभियान से जुड़े वीडियो को इंडियन मुस्लिम नामक ट्विटर यूजर ने शेयर किया है। इसके कैप्शन में लिखा, “असम राज्य में, चरमपंथी भारत सरकार ने मुसलमानों के लिए बड़े पैमाने पर निष्कासन अभियान चलाया, उनके घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया, और इस क्षेत्र में 1,000 से अधिक भारतीय पुलिस सैनिकों को तैनात किया।”

https://twitter.com/India__Muslim/status/1605220812528750593?t=HO06tc2BvZ8f_s9_Ti7aaQ&s=19

वहीं, एक अन्य मुस्लिम संगठन भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद ने इसी से जुड़ी खबर साझा कर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शासित राज्य असम में सबसे बड़ा निष्कासन अभियान, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हजारों लोगों को बेघर कर देगी, जिनमें ज्यादातर मुसलमान हैं।”

https://twitter.com/IAMCouncil/status/1605261756489781249?t=V6Z_ZSCQhP4_EAExRmRW4g&s=08

इन तमाम पोस्ट के जरिए ये दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार जानबूझकर मुस्लिमों को निशाना बना रही है।

Fact Check

हमारी टीम ने इस की पड़ताल, हमारी पड़ताल में दावे की सच्चाई बिल्कुल इतर निकली। पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड्स जैसे असम अतिक्रमण बुलडोजर को इंटरनेट पर सर्च किया। इस दौरान हमें पत्रिका की मीडिया रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया कि असम के नगांव जिले में सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर एक्शन देखने को मिला। यहां भुमुरगुरी ग्राजिंग रिजर्व, जमाई बस्ती, रामपुर, कदमोनी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया है। बताया गया कि यहां अतिक्रमणकारियों ने 980 बीघा से अधिक भूमि पर कब्जा कर रखा है।

अभियान के बारे में नगांव एसपी लीना डोले ने बताया कि करीब 1000 बीघा जमीन है और नगर प्रशासन ने पूर्व में नोटिस जारी किया है क्योंकि ये सरकारी जमीन हैं और अतिक्रमणकारियों को इन जमीनों को छोड़ देना चाहिए। कई लोगों ने अतिक्रमण हटा लिया है। 

स्त्रोत : पत्रिका

नगांव एसपी ने यह भी बताया कि पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी जमीन पर 302 ढांचे थे और अब तक क्षेत्र में 72 ढांचे हैं। उन्हें स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग मिला है। 

इसके अलावा पड़ताल के दौरान ही हमें असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा का एक बयान इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में मिला। दरअसल, विधानसभा में मुख्यमंत्री ने अतिक्रमण विरोधी अभियान पर विपक्ष के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि “सभी लोगों, चाहे हिंदू हों या मुसलमान, को सत्रा (वैष्णव मठ) की जमीन खाली करनी होगी। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि अतिक्रमित भूमि को छोड़ दें अन्यथा हम वहां से बेदखली करेंगे।

स्त्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

इन तमाम बिंदुओं के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि असम प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी अभियान मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए नहीं है सिर्फ सरकारी ज़मीन से कब्ज़ा हटवाने के लिए है।

Claimअसम प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी अभियान मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए है
Claimed byट्विटर यूजर इंडियन मुस्लिम,
Fact Checkदावा भ्रामक है

प्रिय पाठकों, हम भारत के खिलाफ फर्जी खबरों को उजागर करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हमारे पास अन्य लोगों की तरह कोई कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं है। आपका छोटा सा सहयोग हमें और आगे बढ़ने में मदद करेगा। कृपया सहयोग करें।

जय हिन्द

आप हमें UPI द्वारा भी सहयोग कर सकते हैं : vgajera@ybl 

Share