24 नवंबर 2022 को न्यूज़लॉन्ड्री के गुजरात चुनाव को लेकर किए एक शो के दौरान, द हिन्दू के गुजरात संवाददाता महेश लागा ने कहा, “सारे सामाजिक क्षेत्रों के मापदंडो में गुजरात बहुत पीछे है।” महेश लागा ने कहा कि, पोषण, शिक्षा तथा स्वास्थ्य के मापदंडो में गुजरात का प्रदर्शन बहुत ही ख़राब है।
फैक्ट चैक
जब चुनावो में विकास का मुद्दा उठता है, तो गुजरात मॉडल ऑफ़ डेवलपमेंट की बात की जाती है। तो क्या गुजरात सच में सामजिक क्षेत्रों में पिछड़ा हुआ है? आइए इसकी पड़ताल करे-
नीति आयोग द्वारा जारी शिक्षा सूचकांकों के अनुसार, गुजरात शीर्ष चार पर है। आधार वर्ष में 6 की तुलना में 2 की इम्प्रूवमेंट के बाद, गुजरात अब चौथे नंबर पर है।
सर्वाधिक प्रगतिशील राज्यों की सूची में असम, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और गुजरात हैं।
नीति आयोग की दिसंबर 2021 को जारी रिपोर्ट में, स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार गुजरात की ओवरऑल रेफरेन्स ईयर रैंकिंग 6 है। वर्ष 2018-19 में रैंक 7 था जो वर्ष 2019-20 में इम्प्रूव होकर 6 हो गया। नीति आयोग की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य को लेकर गुजरात अच्छी स्थिति में है तथा लगातार प्रगति भी कर रहा है।
हमारी पड़ताल के बाद साफ़ है कि महेश लागा द्वारा किया गया दावा झूठा है तथा गुजरात सामजिक क्षेत्र के मापदंडो में बहुत अच्छी स्थिति में है।
दावा | गुजरात सामाजिक क्षेत्रों जैसे पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के मापदण्डों में ख़राब स्थिति में है। |
दावेदार | द हिन्दू के गुजरात संवाददाता महेश लागा |
फैक्ट चैक | झूठा |
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