तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने 1 नवम्बर 2022 को एक ट्वीट कर दावा किया कि RTI से पता चला है कि मोदी के कुछ घंटों के मोरबी दौरे पर ₹30 करोड़ खर्च हुए। इसमें से 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से “वेलकम, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी” के लिए थे।
गोखले ने आगे लिखा, “मरने वाले 135 पीड़ितों को प्रत्येक को ₹4 लाख की अनुग्रह राशि दी गई, यानी ₹5 करोड़। सिर्फ मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत 135 लोगों की जान से ज्यादा है।”
तृणमूल कांग्रेस के नेता गोखले ने अपने इस दावे में कथित अखबार की कटिंग भी साझा की है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी का 1 नवम्बर 2022 को मोरबी का दौरा हुआ था। वहां वह हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सिविल अस्पताल पहुंचकर ब्रिज हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की थी। इससे पहले पीएम ने गांधीनगर में हाईलेवल बैठक की थी, जिसमें उन्होंने सीएम और अधिकारियों के साथ हादसे और रेस्क्यू की समीक्षा की थी।
तृणमूल कांग्रेस के नेता के इस दावे को लेकर हमारी टीम ने पड़ताल की। पड़ताल में दावे की सच्चाई बिल्कुल अलग निकली।
Fact Check
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने ट्विटर पर मोरबी और आरटीआई जैसे कीवर्ड सर्च किए इस दौरान हमें केंद्र सरकार के जनसंपर्क विभाग यानी पीआईबी का एक खंडन वाला एक ट्वीट मिल गया। इस ट्वीट में पीआईबी ने साकेत गोखले के दावे की हकीकत बताई थी।
दरअसल, पीआईबी ने कहा कि एक आरटीआई के हवाले से एक ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि पीएम के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए। यह दावा फर्जी है।
पीआईबी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ऐसा कोई आरटीआई जवाब नहीं दिया गया है।
इन बिंदुओं के विश्लेषण से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता ने गलत दावा किया है कि पिछले महीने हुए पीएम के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए।
Claim | पीएम के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए। |
Claimed by | साकेत गोखले |
Fact Check | दावा फर्जी है |
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जय हिन्द
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