4 मार्च 2023 को प्रापगैन्ड प्रोफ़ेसर अशोक स्वैन ने अपने ट्विटर हैंडल से एक विडियो साझा कर यह दावा किया कि, रूसी विदेश मंत्री का दिल्ली पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया जबकि जर्मन विदेश मंत्री बेयरबॉक के स्वागत के लिए वहां कोई नहीं था।
ट्विटर यूजर रिचर्ड ने भी इस विडियो को साझा कर, दोनो देशों के विदेश मंत्रियों के भारत में स्वागत को लेकर प्रश्न उठाया।
एक और यूजर जॉन मोरन ने इस विडियो साझा कर लिखा, “ रूसी विदेश मंत्री लावरोव का भारत में G20 बैठक में हार्दिक स्वागत किया गया जबकि जर्मन विदेश मंत्री बेयरबॉक की काफी हद तक उपेक्षा की गई। “
क्या भारत ने जर्मनी की तुलना में रूस को अधिक महत्व दिया हैं? क्या भारत ने पश्चिम देश को नकारा हैं और क्या भारत ने जर्मन विदेश मंत्री की उपेक्षा की हैं? इसके अतिरिक्त क्या भारत में G20 बैठक के दौरान रूस को अधिक और जर्मनी को कम प्राथमिकता दी हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमारी टीम ने दावों की पड़ताल की ।
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फैक्ट चैक
कुछ कीवर्ड्स जैसे जर्मन विदेश मंत्री, G20 बैठक, दिल्ली, विदेश मंत्री आदि ट्विटर पर सर्च करने पर ANI के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन का मिडिया को दिया गया बयान मिला। अपने बयान में डॉ. फिलिप ने बताया कि विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक का विमान दिल्ली में समय से पहले ही उतर चुका था। विदेश मंत्री को थोड़ी देर के लिए विमान में ही रहने को कहा गया, ताकि स्वागतकर्ता आकर उनका स्वगत करे। लेकिन विदेश मंत्री ने फैसला किया की वो विमान में नहीं रुकेगी। भारतीय प्रोटोकॉल ने बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किया है।
हमारी पड़ताल के बाद साफ़ है कि भारत ने रूसी विदेश मंत्री और जर्मन विदेश मंत्री के स्वागत में कोई भेदभाव नहीं किया है। जर्मन विदेश मंत्री का विमान समय से पहले पहुंच जाने के कारण स्वागतकर्ता मौके पर मौजूद नहीं थे तथा भारतीय प्रोटोकॉल ने बहुत ही अच्छे से अपना कार्य किया।
दावा | रूसी विदेश मंत्री का भव्य स्वागत किया गया जबकि जर्मनी के विदेश मंत्री का नहीं |
दावेदार | अशोक स्वैन, रिचर्ड, जॉन मोरन |
फैक्ट चैक | भ्रामक |
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जय हिन्द
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