Home हिंदी सतीश रेड्डी का झूठा दावा, बिहार की 10 साल पुरानी तस्वीर को बताया उत्तराखंड का 

सतीश रेड्डी का झूठा दावा, बिहार की 10 साल पुरानी तस्वीर को बताया उत्तराखंड का 

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सतीश रेड्डी
सतीश रेड्डी का झूठा दावा
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16 फ़रवरी 2023 को BRS पार्टी नेता वाई सतीश रेड्डी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर साझा की, जिसमें कुछ स्कूली बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ रहे है। BRS नेता ने यह दावा किया कि, साझा की गई तस्वीर बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड की है जहाँ स्कूल के बच्चो के लिए आधारभूत सुविधाएँ जैसे- बैठने के लिए बैंच तक नहीं है। बाद में उनके द्वारा यह ट्विट डिलीट कर दिया गया। 

स्त्रोत – ट्विटर (ट्विट डिलीट कर दिया गया है ) 

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क्या सच में उत्तराखंड के स्कूलों में बच्चे इस तरह पढ़ने को मजबूर है ? यह जानने के लिए हमने इसकी पड़ताल की।  

फैक्ट चैक 

पड़ताल के लिए हमने साझा की गई तस्वीर को TinEye टूल की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया, जिससे हमें alamy वेबसाइट पर, यही साझा की गई तस्वीर मिली।  

इस तस्वीर के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर बिहार के छपरा जिले के ब्राहिमपुर गांव की है, जब प्राथमिक विद्यालय में, सरकार द्वारा संचालित मिड-डे मिल खाने के बाद बच्चे अपनी कक्षा में पढ़ रहे है। यह तस्वीर फोटोग्राफर अदनान अबिदी द्वारा 19 जुलाई 2013 को ली गई थी।   

सतीश रेड्डी के दावों को झूठा साबित करती alamy की रिपोर्ट
स्त्रोत – alamy

थोड़ी और पड़ताल करने पर द इकनोमिक टाइम्स का एक आर्टिकल मिला, जो 26 जुलाई 2013 को “बिहार में मिड-डे मील से दस लाख छात्र वंचित” शीर्षक से सम्पादित किया गया था। इस आर्टिकल में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।    

सतीश रेड्डी के दावों को झूठा साबित करती द इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट
 स्त्रोत –  द इकनोमिक टाइम्स 

तथ्यों द्वारा पड़ताल के बाद साफ़ है कि BRS नेता द्वारा साझा की गई तस्वीर उत्तराखंड की नहीं बल्कि बिहार की है तथा 10 वर्ष पुरानी है। सतीश रेड्डी ने इसे उत्तराखंड का बताकर झूठा दावा किया है।  

दावा बदहाल स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की तस्वीर, उत्तराखंड की है 
दावेदार वाई सतीश रेड्डी
फैक्ट चैक झूठा 

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जय हिन्द

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